Monday, October 3, 2011

अखिलेश यादव की रैलियों में उमडती भीड़ ने राजनैतिक दलों की नींद उड़ाई

अंबरीश कुमार
शाहजहांपुर , सितंबर।समाजवादी पार्टी के युवा चेहरे अखिलेश यादव की रैलियों और क्रांति रथ यात्रा में बढ़ती भीड़ ने राजनैतिक दलों की नींद उड़ा दी है । बुंदेलखंड के बाद मध्य उत्तर प्रदेश में भी वैसी ही भी और कुछ जगहों पर तो अप्रत्याशित भीड़ । करीब पचास विधान सभा क्षेत्रों के दौरे के बाद अखिलेश यादव अब नए विकल्प के रूप में उभरते नजर आ रहे है । समाजवादी पार्टी का समूचे प्रदेश में मजबूत राजनैतिक ढांचा है पर सिर्फ उसके चलते इतनी भीड़ जुटाना पार्टी के लिए संभव नही था। अखिलेश यादव भ्रष्टाचार और कुशासन का सवाल उठाने के साथ खेत ,किसान और खाद पानी की बात भी कर रहे है जो नौजवान नेताओं के एजंडा से बाहर होता जा रहा है । उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले इस तरह की भीड़ का उमड़ना बदलाव का आभास तो दे ही रहा है साथ ही अन्य दलों को चिंतित भी कर रहा है । ख़ास बात यह है कि पहले जहां समाजवादी पार्टी की रैलियों में जब भीड़ होती थी तो उसका श्रेय अमर सिंह के साथ आने वाले फ़िल्मी सितारों को जाता था । पर अब समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में एक मजबूत प्रचारक भी मिल गया है जिसका जमीन से नया रिश्ता बनता नजर आ रहा है ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने जनसत्ता से कहा -इस यात्रा का मकसद सिर्फ सियासी फतह नही है बल्कि आम आदमी की तकलीफों को समझकर उसका समाधान करना भी है । अखिलेश यादव समाज के वंचित तबके लोगोंास जाकर उनका दुखदर्द महसूस कर रहे है ।
समाजवादी क्रांति रथ यात्रा के तीसरे चरण के अंतिम दिन आज समाजवादी पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष अखिलेश यादव का तिलहर, कटरा (जैतीपुर) और जलालाबाद विधानसभा क्षेत्रों के दर्जनों स्थानों पर जोरदार स्वागत किया गया। भारी संख्या में महिलाओं, अल्पसंख्यकों ने उनकी अगवानी की । ख़ास बात यह थी कि नौजवान जिंदाबाद जिंदाबाद के नारे लगाते हुए रथ के साथ दूर तक दौड़ते रहे। जगह-जगह हार-फूल मालाएं लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की टोलियां भी उनको रोक-रोककर अभिनन्दन करती रही ।इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा - जब मुख्यमंत्री और बसपा सरकार की जमीन दरकने लगी है तो झूठी और जनता को बरगलाने वाली घोषणाएं की जा रही हैं। पहले से बनाए जिलों में अभी तक बुनियादी ढांचा नहीं बन पाया है। यह सरकार काम करने के बजाए चिट्ठी पत्री और जिलों के बंटवारे के सहारे दिन काट रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बसपा सरकार ने जनहित में कुछ नहीं किया है। इसने सभी वर्गो को उत्पीड़ित एवं अपमानित किया है। इसने अपने कार्यकाल में सिर्फ लूट मचाई है। सरकार साढ़े चार साल में बिजली, पानी, सड़कों, का इंतजाम कर सकती थी। लेकिन चूंकि पत्थरों से कमीशन खाना था इसलिए पत्थरों का ही साम्राज्य खड़ा करने में मुख्यमंत्री की दिलचस्पी रही। इस सरकार ने किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। पहले सूखा फिर बाढ़ में किसान की फसल नष्ट हो गई। किसानों को मुआवजा तक नहीं मिला है। किसानों को समय से खाद, बिजली, सिचाई के लिए पानी और बीज की व्यवस्था नहीं हुई है। नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं। अस्पतालों में इलाज और स्कूल-कालेजों में फीस मंहगी हो गई है।उन्होंने कहा कहा कि मंहगाई ,लूट और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस और बसपा दोनों की ही सरकारें जिम्मेदार हैं।
अखिलेश यादव ने अभी सिर्फ पचास विधान सभा क्षेत्रों का दौरा किया है पर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जिस तरह लोग निकल कर आ रहे है वह हैरान करने वाला है क्योकि अखिलेश कोई करिश्माई नेता नहीं रहे है और न ही बहुत धाकड़ वक्ता रहे है । यह जरुर है कि प्रदेश के अन्य नेताओं के मुकाबले वे कम उम्र के है और धर्मनिरपेक्ष छवि वाले है। उनकी रथयात्रा को मुलायम सिंह यादव और आजम खान जैसे नेताओं ने हरी झंडी दिखाई थी । अब तक अखिलेश का रथ जहां जहां से निकला है वहां पिछड़ों ,अगड़ों के साथ मुस्लिम नौजवान बड़ी संख्या में निकले है । यह समीकरण उत्तर प्रदेश की सियासी बिसात पर भारी भी पड़ता है । इसी वजह से राजनैतिक दलों के लोगों की नींद उड़ रही है । अखिलेश यादव की रैलियों में उमडती भीड़ ने राजनैतिक दलों की नींद उड़ाई
अंबरीश कुमार
शाहजहांपुर , सितंबर।समाजवादी पार्टी के युवा चेहरे अखिलेश यादव की रैलियों और क्रांति रथ यात्रा में बढ़ती भीड़ ने राजनैतिक दलों की नींद उड़ा दी है । बुंदेलखंड के बाद मध्य उत्तर प्रदेश में भी वैसी ही भी और कुछ जगहों पर तो अप्रत्याशित भीड़ । करीब पचास विधान सभा क्षेत्रों के दौरे के बाद अखिलेश यादव अब नए विकल्प के रूप में उभरते नजर आ रहे है । समाजवादी पार्टी का समूचे प्रदेश में मजबूत राजनैतिक ढांचा है पर सिर्फ उसके चलते इतनी भीड़ जुटाना पार्टी के लिए संभव नही था। अखिलेश यादव भ्रष्टाचार और कुशासन का सवाल उठाने के साथ खेत ,किसान और खाद पानी की बात भी कर रहे है जो नौजवान नेताओं के एजंडा से बाहर होता जा रहा है । उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले इस तरह की भीड़ का उमड़ना बदलाव का आभास तो दे ही रहा है साथ ही अन्य दलों को चिंतित भी कर रहा है । ख़ास बात यह है कि पहले जहां समाजवादी पार्टी की रैलियों में जब भीड़ होती थी तो उसका श्रेय अमर सिंह के साथ आने वाले फ़िल्मी सितारों को जाता था । पर अब समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में एक मजबूत प्रचारक भी मिल गया है जिसका जमीन से नया रिश्ता बनता नजर आ रहा है ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने जनसत्ता से कहा -इस यात्रा का मकसद सिर्फ सियासी फतह नही है बल्कि आम आदमी की तकलीफों को समझकर उसका समाधान करना भी है । अखिलेश यादव समाज के वंचित तबके लोगोंास जाकर उनका दुखदर्द महसूस कर रहे है ।
समाजवादी क्रांति रथ यात्रा के तीसरे चरण के अंतिम दिन आज समाजवादी पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष अखिलेश यादव का तिलहर, कटरा (जैतीपुर) और जलालाबाद विधानसभा क्षेत्रों के दर्जनों स्थानों पर जोरदार स्वागत किया गया। भारी संख्या में महिलाओं, अल्पसंख्यकों ने उनकी अगवानी की । ख़ास बात यह थी कि नौजवान जिंदाबाद जिंदाबाद के नारे लगाते हुए रथ के साथ दूर तक दौड़ते रहे। जगह-जगह हार-फूल मालाएं लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की टोलियां भी उनको रोक-रोककर अभिनन्दन करती रही ।इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा - जब मुख्यमंत्री और बसपा सरकार की जमीन दरकने लगी है तो झूठी और जनता को बरगलाने वाली घोषणाएं की जा रही हैं। पहले से बनाए जिलों में अभी तक बुनियादी ढांचा नहीं बन पाया है। यह सरकार काम करने के बजाए चिट्ठी पत्री और जिलों के बंटवारे के सहारे दिन काट रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बसपा सरकार ने जनहित में कुछ नहीं किया है। इसने सभी वर्गो को उत्पीड़ित एवं अपमानित किया है। इसने अपने कार्यकाल में सिर्फ लूट मचाई है। सरकार साढ़े चार साल में बिजली, पानी, सड़कों, का इंतजाम कर सकती थी। लेकिन चूंकि पत्थरों से कमीशन खाना था इसलिए पत्थरों का ही साम्राज्य खड़ा करने में मुख्यमंत्री की दिलचस्पी रही। इस सरकार ने किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। पहले सूखा फिर बाढ़ में किसान की फसल नष्ट हो गई। किसानों को मुआवजा तक नहीं मिला है। किसानों को समय से खाद, बिजली, सिचाई के लिए पानी और बीज की व्यवस्था नहीं हुई है। नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं। अस्पतालों में इलाज और स्कूल-कालेजों में फीस मंहगी हो गई है।उन्होंने कहा कहा कि मंहगाई ,लूट और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस और बसपा दोनों की ही सरकारें जिम्मेदार हैं।
अखिलेश यादव ने अभी सिर्फ पचास विधान सभा क्षेत्रों का दौरा किया है पर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जिस तरह लोग निकल कर आ रहे है वह हैरान करने वाला है क्योकि अखिलेश कोई करिश्माई नेता नहीं रहे है और न ही बहुत धाकड़ वक्ता रहे है । यह जरुर है कि प्रदेश के अन्य नेताओं के मुकाबले वे कम उम्र के है और धर्मनिरपेक्ष छवि वाले है। उनकी रथयात्रा को मुलायम सिंह यादव और आजम खान जैसे नेताओं ने हरी झंडी दिखाई थी । अब तक अखिलेश का रथ जहां जहां से निकला है वहां पिछड़ों ,अगड़ों के साथ मुस्लिम नौजवान बड़ी संख्या में निकले है । यह समीकरण उत्तर प्रदेश की सियासी बिसात पर भारी भी पड़ता है । इसी वजह से राजनैतिक दलों के लोगों की नींद उड़ रही है । vv

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