Saturday, October 15, 2011

टीम अन्ना मुश्किल में ,कांग्रेस के तेवर बदले


अंबरीश कुमार
लखनऊ , अक्तूबर। कार्नाटक के मुख्यमंत्री यदयुरप्पा के जेल जाते ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को नई उर्जा मिल गई है । बदलते राजनैतिक माहौल से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को फिर उम्मीद नजर आने लगी है जो भ्रष्टाचार को लेकर चारो और से घिरी हुई थी ।एक तरफ टीम अन्ना तो दूसरी तरफ भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था । भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री यदयुरप्पा को जेल और उत्तर प्रदेश में फीकी पड़ी आडवाणी की रथ यात्रा के बाद बचाव की मुद्रा में चल रही कांग्रेस अब आक्रामक हो गई है ।कांग्रेस ने आज कहा -भ्रष्टाचार पर भाजपा की कलई खुल गई है। भ्रष्टाचार पर भाजपा का बड़ा नेता जेल जाता है और आडवाणी भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश में अभियान छेड़ने का आवाहन करते है । प्रदेश की जनता सब देख रही है। इस मामले से राजनैतिक एजंडा में फंसी टीम अन्ना की भी मुश्किलें बढ़ गई है जो उत्तर प्रदेश में अभियान छेड़ने की तैयारी में है क्योकि भजनलाल की संसदीय सीट रही हिसार में कांग्रेस का विरोध बहुत आसान था पर उत्तर प्रदेश की राजनीति काफी जटिल है। यहां अन्ना की टीम भी कई खेमो में बंटी है और नेताओं का अपना कोई जनाधार भी नहीं है। हिसार चुनाव में दखल देने पर टीम अन्ना के उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश के नेता भी काफी खरी खरी सुना चुके है । संतोष हेगड़े और मेधा पाटकर का विरोध भी सार्वजनिक हो चुका है ।इन सबके चलते कांग्रेस को ज्यादा राहत मिली है ।
कांग्रेस को ज्यादा दिक्कत भाजपा समर्थक अगड़ी जातियों के साथ समाजवादी पार्टी की तरफ बढ़ते मुस्लिम समुदाय को लेकर थी ।भाजपा की रथ यात्रा को ज्यादा समर्थन न मिलने से कांग्रेस ने राहत की सांस ली है । पर मुस्लिम समुदाय को लेकर पार्टी अभी निश्चिन्त नहीं है । हालांकि पीस पार्टी के जरिए समाजवादी पार्टी के मुस्लिम जनाधार को में सेंध लगाने की कोशिश भी हो रही है जिसे परदे के पीछे से शह भी दी जा रही है।इस सबके बावजूद राहुल गांधी ने बुंदेलखंड से दोबारा जो अभियान शुरू किया है उससे भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को काफी ताकत मिली है।इस बीच भाजपा की रथ यात्रा को कोई बड़ा जन समर्थन न मिलने से भी कांग्रेस का राजनैतिक फायदा हुआ है । दरअसल भाजपा और कांग्रेस का वोट बैंक मिला जुला है और एक फायदा दूसरे के नुकसान की कीमत पर होता है । इसी वजह से कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाली टीम अन्ना के साथ भाजपा पर और आक्रामक हो गई है ।
पार्टी महासचिव और प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह अन्ना हजारे को उत्तर प्रदेश में आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन करने की लगातार चुनौती देते रहे है पर इसे कोई स्वीकार नहीं कर रहा। राजनैतिक टीकाकार सीएम शुक्ल ने कहा -दरअसल हिसार चुनाव जहां कांग्रेस की हार पहले से तय मानी जा रही थी वहां पर टीम अन्ना का कांग्रेस हराओ का नारा लोगों को कुटिल राजनैतिक चाल जैसा लगा जिसमे कांग्रेस के हारते ही श्रेय मिल जाता। जबकि बच्चा बच्चा जनता है कि भजनलाल की सीट पर उनके पुत्र के जितने की संभावना सबसे ज्यादा होगी। इसी मुद्दे पर अन्ना की टीम भी बंट गई । अब उत्तर प्रदेश में मायावती को छोड़ अगर कांग्रेस को हराने का नारा दिया जाता तो और फजीहत होती । दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा -भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वालों की कलई खुल गई है। यदयुरप्पा के जेल जाने के बाद कसी ने भाजपा के खिलाफ भी अनशन का एलान नहीं किया । आडवाणी रथयात्रा निकाल रहे है और उनके आभियान की कमान जिनके हाथों में है वे भ्रष्टाचार को लेकर ही मंत्रिमंडल से हटाए गए थे । आने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा और उनके समर्थको को भी पता चल जाएगा जो संघ के साथ आंदोलन कर रहे थे ।
साफ़ है कि कांग्रेस नए हालात में भाजपा के साथ टीम अन्ना पर भी निशाना जरुर साधेगी । यह भी संयोग है कि इतने बड़े विवाद के छिड़ते ही अन्ना ने मौन व्रत धारण कर लिया है । वैसे भी कर्नाटक के बारे में उन्होने कोई टिपण्णी से इनकार कर दिया था । जनसत्ता

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