Tuesday, October 4, 2011

अन्ना हजारे के चुनावी एजंडा से भाजपा बमबम


अंबरीश कुमार
लखनऊ , अक्तूबर । अन्ना हजारे के चुनावी एजंड से उत्तर प्रदेश में भाजपा बम बम है । प्रदेश में विधान सभा चुनाव से पहले कुछ जिलों का दौरा और लखनऊ में तीन दिन अनशन पर बैठ कर अन्ना हजारे जो माहौल बनाएंगे उसका सीधा फायदा भाजपा को होगा और जो कुछ भी नुकसान होगा वह कांग्रेस को होगा । हजारे उत्तर प्रदेश में वाराणसी ,इलाहाबाद ,लखनऊ ,कानपूर और गोरखपुर जिसे कुछ महत्वपूर्ण जिलों का दौरा करेंगे ।यह बात अलग है कि इन जिलों में कांग्रेस कोई बड़ी ताकत मानी भी नहीं जाती है । उत्तर प्रदश में हजारें के समर्थक करीब दस बारह जिलों में हजारे का दौरा कराकर माहौल बनाना चाहते है पर फिलहाल आधा दर्जन जिलों के दौरे पर अन्ना हजारे राजी हो रहे है । टीम अन्ना की कोर कमेटी के सदस्य और सर्व सेवा संघ के सचिव रामधीरज ने यह जानकारी दी । पर हजारे के दौरे से पहले ही
राजनैतिक पेशबंदी शुरू हो गई है । कांग्रेस ने भी आक्रामक तेवर अपना लिया है ।
देश के कई हिस्सों की तरह अन्ना हजारे के आंदोलन का ज्यादा असर मध्य वर्ग और अगड़ी जातियों पर हुआ था जो परंपरागत रूप से कांग्रेस और भाजपा की समर्थक रही है। इनमे एक हिस्सा ऐसा भी है जो वोट डालने भी मुश्किल से जाता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के चुनाव में हजारे के कांग्रेस विरोध का फायदा भाजपा को ही ज्यादा मिलने वाला है जिसकी वजह से धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए ज्यादा मुश्किल खड़ी होगी । हजारे के चुनावी दखल के एलान के साथ ही उत्तर प्रदेश में राजनैतिक सरगर्मी बढ़ गई ।हजारें ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के पत्र और समर्थन की बात भी कही थी । जिसके बाद हजारे समर्थकों ने अपने नेताओं से पूछना शुरू किया कि क्या आने वले चुनाव में भाजपा का समर्थन करना है । इससे माहौल का अंदाजा लगाया जा सकता है । पर कांग्रेस ने हजारे के सामने भाजपा राज वाली सरकारों के भ्रष्टाचार का भी सवाल रख दिया है
बाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा - हजारे के जन लोकपाल अभियान का भाजपा शुरू से समर्थन करती रही है ।अब वे उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले जो अभियान शुरू करेंगे उसका भी पहले की तरह पुरजोर समर्थन किया जाएगा । हजारे एक बड़ी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे है और पार्टी पुरी ताकत से उनके इस अभियान का समर्थन करेगी । दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा -पार्टी नेतृत्व मजबूत लोकपाल बिल लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अन्ना हजारे और उनकी टीम के सुझावों के अलावा भी अन्य लोगों ने जो सुझाव दिया है, जो स्टैंडिंग कमेटी के सामने है और इस कमेटी में सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। बिल पेश करना सरकार का काम है। बिल को पारित करना सभी दलों तथा संसद की जिम्मेदारी है। स्टैंडिंग कमेटी में सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं, उन्हें अपनी संस्तुतियां शीघ्र भेजनी चाहिए। रीता बहुगुणा जोशी ने आगे कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव, तीन प्रदेशों उतराखंड , उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने जा रहे हैं। उतराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार में बुरी तरह डूबी हुई है। वहां उच्च न्यायालय ने भी मुख्यमंत्री के निर्णयों को उलटा है। पंजाब में अकाली दल और भाजपा की संयुक्त सरकार ने भष्टाचार और भारी लूट का शासन चलाया है । उत्तर प्रदेश में पिछले 22 वर्षों में लगातार इन्हीं दलों ने राजनीति का अपराधीकरण और भ्रष्टाचार को चरम पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि जहां 1989 में कांग्रेस शासनकाल में उत्तर प्र्रदेश विकास के पायदान में 6वें नम्बर पर था, वहीं 22 सालों में गिरकर 23वें-24वें नम्बर पर आ गिरा है। ऐसे में अन्ना हजारे को उक्त पार्टियों के खिलाफ राज्यों में मुहिम छेड़नी चाहिए। उन्होने कहा कि हजारे का बयान एक राजनैतिक प्रश्न को जन्म देता है। प्रश्न है कि अन्ना हजारे जी भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते हैं या कांग्रेस से।
राजनैतिक टीकाकार सीएम शुक्ल ने कहा - अगर हजारे के चुनावी अभियान से बंगारू और यदुरप्पा की पार्टी को फायदा हो तो उनके आंदोलन पर गंभीरता से सोचना होगा ।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का माहौल कुछ अलग है । यहां की राजनीति पर जातियों की गोलबंदी का ज्यादा असर पड़ता है । यहां मुख्यमंत्री मायावती ने पहले हजारे का समर्थन किया था पर बाद में विरोध कर यह भी आरोप लगाया कि दलित और वंचित तबका इससे अलग है । उत्तर प्रदेश के कई मुस्लिम संगठनों ने भी हजारे का विरोध किया और इसे कट्टरपंथी ताकतों को हवा देने वाला बताया था । जनसत्ता

No comments: