Wednesday, August 18, 2010

ब्लू फिल्मों के बीच मणिकौल की फिल्म

राजकुमार सोनी
इधर-उधर से अनुदान लेकर कला फिल्में बनाने वाले पटकथा लेखक, निर्माता एवं निर्देशक मणिकौल की फिल्म बादल द्वार इन दिनों ब्लू फिल्मों के बीच बिक रही है। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले मणिकौल ने भास के अविमारक जायसी के पदामवत अंशों को आधार बनाकर बादल द्वार का निर्देशन किया था। निर्माता रेगीना त्सीगल की इस फिल्म में मुख्य भूमिका महेश भट्ट की आशिकी से हिन्दी फिल्मों में प्रवेश पाकर लंबे समय तक गायब होने वाली अभिनेत्री अनु अग्रवाल ने निभाई है। अनु कैसी अभिनेत्री है यह बात समीक्षक भी जानते हैं और दर्शक भी। कला फिल्मों में मिलने वाली छूट का लाभ लेकर मणिकौल ने अनु के ठीक-ठाक कपड़े उतार डाले हैं। अनु का प्रदर्शन ब्लू फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्रियों के जैसा तो नहीं है लेकिन उससे कम भी नहीं है।
छत्तीसगढ़ में लंबा समय बिताने वाले कवि मुक्तिबोध की सबसे धांसू रचना सतह से उठता आदमी पर मणिकौल ने वर्ष 1980 में एक बेहद बोरिंग फिल्म बनाई थी। जब यह फिल्म निर्मित की जा रही थी तब फिल्म के लिए जरूरी वित्तीय सहायता कलावाद को बढ़ावा देने वाले कवि अशोक बाजपेयी को जुटानी पड़ी थी। इसके बाद मणि ने प्रसिद्ध उपन्यासकार विनोदकुमार शुक्ल के उपन्यास नौकर की कमीज पर फिल्म बनाई। फिल्म में भिलाई के एक कलाकार पंकज मिश्रा ने मुख्य भूमिका का निर्वहन किया था। पंकज को फिल्म में काम करने का कितना पारिश्रमिक मिला यह तो नहीं मालूम लेकिन जानकार बताते हैं कि मणि की ज्यादातर फिल्मों में काम करने वाले कलाकार अर्थाभाव का शिकार रहे हैं।
मणि को कुछेक समीक्षक हमेशा से एक अलग तरह का फिल्मकार बताने में जुटे रहते हैं लेकिन हकीकत यह भी है कि उनकी फिल्में मास तो दूर खास दर्शक वर्ग की नब्ज भी सही ढंग से टटोलने में नाकाम रही है। यदि आप बादल द्वार को देखेंगे तो अपना सिर धुनने के सिवाय और कुछ नहीं करेंगे। रीतिकालीन युग में महलों में जो कुछ घटता रहा है उसके एक अंश का चित्रण मात्र है बादल द्वार। फिल्म में अनु अग्रवाल का अनावृत वक्ष देखकर हिन्दी फिल्मों में सौंदर्यबोध को निहारने वाला दर्शक उबकाई ले सकता है। मणि ने अपनी फिल्म में अनु अग्रवाल को शायद इसलिए लिया हो क्योंकि इससे पहले वह खलनायिका, गजब तमाशा, किंग अंकल के अलावा एक कंडोम के विज्ञापन में धमाका मचा चुकी थी। इधर-उधर के जोड़तोड़ और जुगाड़ से फिल्म उत्सव- समारोह में स्थान बना लेने वाले मणिकौल की यह फिल्म भी कोई धमाका तो नहीं मचा पाई, अलबत्ता ब्लू फिल्मों के बीच जगह बनाने में कामयाब जरूर हो गई। मणि की फिल्म बादल द्वार .. छमिया वन- छमिया टू, सेक्स स्कैंडल दिल्ली का, बांबे का सेक्स रैकट जैसी फिल्मों के बीच जमकर बिक रही है। इतना ही नहीं अन्तरवासना नामक एक डाट काम में तो बकायदा अनु अग्रवाल के इस फिल्म का नए अन्दाज में प्रमोशन भी कर रखा है। डाट काम खोलते ही आपको पढ़ने मिलेगा। क्या आप अनु अग्रवाल को जानते हैं। महेश भट्ट की आशिकी वाली। आप वही सब देखना चाहते हैं न तो फिर देर किस बात की। डाउनलोड कीजिए।
इस बारे में जब मणिकौल के 09958722233 नंबर पर संपर्क किया गया तो उन्होंने अपनी टिप्पणी देने से इंकार करते हुए सिर्फ इतना कहा कि हां मैंने ब्लू फिल्म बनाई है जिसको देखना है देखें जिसको नहीं देखना है न देखें। खबर है कि मणिकौल इन दिनों इटली में हैं। जल्द ही वे विनोदकुमार शुक्ल के उपन्यास दीवार में खिड़की रहती थी को लेकर फिल्म बनाने जा रहे हैं। श्री शुक्ल का यह उपन्यास दांपत्य सुख पर केद्रिंत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कला फिल्मों के नाम पर मिलने वाली अतिरिक्त छूट का लाभ लेकर मणिकौल दांपत्य सुख को सुख रहने देते हैं या फिर वीभत्स ढंग के दुख में बदल डालते हैं।
http://sonirajkumar.blogspot.com/

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