Friday, August 27, 2010

राष्ट्रपति की दरवाजे पर भी दस्तक

कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। अनीता भारती, विमल थोराट और अंजलि सिन्हा की अगुवाईवाली एक महिला प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल से मुलाकात करके ,महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ,वर्धा के कुलपति विभूति नारायण राय को बर्खास्त करने की मांग की। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल इस विश्वविद्यालय की विजिटर हैं और उनके पति देवी सिंह पाटिल को विभूति नारायण राय ने किसी तरह से पटा लिया है। राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमंडल की बातें बहुत ही ध्यानपूर्वक और धैर्य के साथ सुनी। महिलाओं ने उनको बताया कि कुलपति वी.एन राय ने लेखिकाओं को छिनाल कहा है। सबूत के तौर पर संबधित दस्तावेज और विभिन्न अखवारों, पत्रिकाओँ और ब्लाग में छपे लेख और प्रतिक्रियाए भी दिखाया । ऐसे बयान देने तथा विश्विद्यालय में अपनी जाति के नकलची अध्यापकों को नियुक्त व प्रमोट करने वाले, चहेतों की मनमानी नियुक्तियां करने, चाटुकारों-चहेतों को मनमानी प्रोजेक्ट बांटने,ठेका देने ,जगह-जगह सेमिनार कराने के नाम पर अपने चहेतो को घुमाने वाले , चहेतों को पहले से तय कर सेंटर खोलने का चक्कर चलाने वाले विभूति नारायण राय को कुलपति पद पर बने रहना शर्मनाक बताया। मंडल ने वर्धा विश्वविधालय में दलित छात्र- छत्राओं , व शिक्षकों के साथ लगातार की जा रही जातीय उत्पीडन की खबरों का खुलासा करते हुए राष्ट्रपति महोदया को प्रोफेसर कारूण्यकारा को 6 दिसम्बर (दलित डिग्निटी डे) को डा. अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के कैडल मार्च में शामिल होने पर कारण बताओ नोटिस दिए जाने का ज्रिक करते हुए कहा कि आज तक किसी भी भारतीय नागरिक को 2 अक्टूबर, 30 जनवरी या फिर किसी भी ऐतिहासिक दिवस पर शमिल होने के लिए कारण बताओ नोटिस नहीं मिला तो किसी प्रोफेसर को मात्र 6 दिसम्बर को विद्यार्थियों द्वारा आयोजित सभा में शमिल होने के लिए कैसे एक कुलपति. कारण बताओ नोटिस दे सकता है। जबति कारूण्यकारा उसी विश्वविद्यालय के 'अम्बेडकर चेयर के अध्यक्ष भी हैं, कायदे से इस कार्यक्रम में शमिल होना उनका फर्ज बनता है। महिला प्रतिनिधिओं ने राहुल काबंले के केस की भी चर्चा करते हुए राहुल कांबले द्वारा राष्ट्रपति को भेजा गया 'इच्छामृत्यु की अनुमति' वाला पत्र भी दिखाया । राष्ट्रपति को पूर्व मंत्री व सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा लोकसभा में कुलपति द्वारा की गई टिप्पणी के संदर्भ में उठाए गए सवाल का दस्तावेज भी दिखाया । वर्धा विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति के पुलिसिये हथकंडे और दमनकारी नितियों के बारे में भी बताया। लगभग 17 मिनट की बातचीत में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ने पूरी बाते बडे मनोयोग से सुनी और संज्ञान लेने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल ने सभी अखबारों में वीएन राय की महिला संबंधी टिप्पणी के विरोध में लेख, प्रतिक्रियाएं विश्वविधालय में पदों से सम्बन्धित बरती जा रही नियमों की अनदेखी, घपले बाजी, और दलितों के जातीय उत्पीड़न सम्बन्धी दस्तावेज (लगभग 170-180 पेज) राष्ट्रपति महोदया को सौंपे। राष्ट्रपति ने उन सभी दस्तावेज को सम्बन्धित मंत्रालय में भेजवाने और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया ।

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