Tuesday, August 17, 2010

अब खेत जोतते किसानो पर गोली

अंबरीश कुमार
लखनऊ , अगस्त । पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के टप्पल के जिकरपुर गाँव से शुरू हुआ किसान आंदोलन आज आगरा तक फ़ैल गया । आगरा की कोतवाली एत्मादपुर इलाके के नौ गांवों कुआखेड़ा,मदरा, भमरौली आदि में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रह किसानों जब अपना खेत जोतने की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोका । बाद में नाराज किसानो व पुलिस में टकराव हुआ और पर पुलिस ने गोली चला दी। इसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए है। टकराव में दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए । इनमे पुलिस वाले भी शामिल है । उधर टप्पल में किसान संघर्ष समिति के साथ सरकार का समझौता सभी किसानो को रास नहीं आया और किसान नेता कल्लू सिंह बघेल खेमा ने आंदोलन तब तक जारी रखने को कहा जब तक नोयडा के बराबर मुआवजा नहीं मिल जाता । इस खेमे को दादरी के किसानो के साथ किसान मंच ,जन संघर्ष मोर्चा ,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ,माकपा आदि ने समर्थन देने का एलान किया है । लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने जनसत्ता से कहा - हम तो किसानो के साथ है । अगर पंचायत आंदोलन जारी रखने का फैसला करती है तो हम भी साथ रहेंगे । वैसे भी आंदोलन फ़ैल रहा है । आगरा में भी पुलिस ने गोली चला दी है । समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा - मायावती सरकार लगातार किसानो पर लाठी गोली चलवा रही है । इस बीच १८९४ का भूमि अधिग्रहण कानून रद्द करने की मांग और तेज हो गई है ।
टप्पल का किसान आंदोलन आगरा तक बढ़ गया । आगरा की कोतवाली एत्मादपुर की कुमेरपुर चौकी के नौ गांवों कुआखेड़ा,मदरा, भमरौली आदि में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रह किसानों पर पुलिस ने गोली चला दी। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा -आगरा में ताजमहल के निकट हरित पट्टिका की जमीन जेपी ग्रुप को देने का बुढ़ाना, कुआखेड़ा, मदरा आदि के किसान विरोध कर रहे हैं। यहां नौ गांवों की जमीन का अधिग्रहण कर उसे जेपी समूह को देने की योजना बनी। सर्किल रेट में भी हेराफेरी कर इस समूह को फायदा पंहुचाया जा रहा हैं इसी वजह से किसान आंदोलित थे। आज उनका गुस्सा भी फूट पड़ा। बाद में पुलिस ने गोली चलाई जिसमे रामकृष्ण सिकरवार का पुत्र राजू और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया है।
आगरा से मिली जानकारी के मुताबिक आंदोलन कर रहे एक युवक की पिटाई से नाराज गाँव वालों ने एक एसडीएम को बंधक बना कर पिटाई भी की । जिसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की । आगरा के आईजी विजय कुमार ने कहा - हिंसा पर आमादा गाँव वालो को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवा में गोली चलानी पड़ी । गाँव वालों के हमले में दर्जन भर पुलिस वालों को चोट आई है। आगरा में किसानो पर गोली चलाए जाने की चौतरफा निंदा की जा रही है । जनसंघर्ष मोर्चा के संयोजक अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा - अलीगढ और आगरा में किसानो पर गोली चलने वाले पुलिस वालों को दंडित किया जाए । यह सब इसीलिए हो रहा है क्योकि हम १८९४ के भूमि अधिग्रहण कानून को रद्द नहीं कर रहे है । कांग्रेस प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि आगरा में पुलिस की गोली से चार घायल हुए है और दर्जन भर से ज्यादा किसान जो अपना खेत जोतने जा रहे थे पुलिस से टकराव के बाद बुरी तरह घायल है । कांग्रेस ने गोली चलने वालों को बर्खास्त करने की मांग की । हिंद मजदूर किसान पंचायत के उपाध्यक्ष विजय नारायण ने कहा - केरल ( तब त्रावनकोर - कोचीन) में १९५३ निहत्थे लोगो पर गोली चलाए जाने पर राम मनोहर लोहिया ने अपनी सोशलिस्ट पार्टी की सरकार से ही इस्तीफा मांग लिया था । अब यह सरकार लगातार किसानो पर गोली चलवा रही है और बेशर्मी से सत्ता में टिकी हुई है । फॉरवर्ड ब्लाक के प्रदेश अध्यक्ष राम किशोर ने कहा कि अब मायावती को सत्ता में रहने का कोई हक नही है ।
बसपा सरकार ने टप्पल क्षेत्र में किसानों को आतंकित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस पीएसी लगा रखी है। किसानों ने जिकरपुर में अभी भी अपना आंदोलन जारी रखा है। सरकार ने आधीरात समझौते की बात प्रचारित कर वस्तुतः धोखाधड़ी की है और किसानों की हमदर्द बनने का ड्रामा किया है। किसान नेता रामबाबू को बहूुत ज्यादा धमकाकर जमानत पर छोड़ा गया है। किसानों पर लाठी गोली चलाने वाले अफसरों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ है। उनका ट्रांसफर किया गया, जो कोई सजा नहीं है।
इस सरकार ने जेपी ग्रुप को जमीन और टाउनषिप का ठेका देने के लिए किसानों के आंदोलन को जिस बुरी तरह से कुचलने का काम किया है उससे यह आषंका होती है कि मुख्यमंत्री की इस कंपनी के साथ विषेश साठगांठ है और उन्हें इससे वित्तीय लाभ मिलनेवाला है। आगरा काण्ड हो या अलीगढ़ का, इन सभी की न्यायिक जांच होनी चाहिए। बसपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी चरित्र और आचरण का तभी पर्दाफाष होगा।
समाजवादी पार्टी आगरा के किसानों के प्रति सरकार के बर्बर और अमानवीय रवैये की तीव्र निन्दा करती है और केन्द्र सरकार से मांग करती है कि वह किसानों के खून से रंगी बसपा सरकार को तत्काल बर्खास्त करे। समाजवादी पार्टी किसानों के साथ कतई नाइंसाफी नहीं होने देगी। वह पूरी एकजुटता से उनकी मांगो की पूर्ति के लिए संघर्श में साथ देगी।
जनसत्ता

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