Sunday, October 5, 2008

बैलेट का विकल्प नहीं बुलेट-माओवादी

काठमांडू से राजकुमार सोनी
काठमांडू .माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका का निभा चुके नेपाल की संसद एवं संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र निमांग का यह मानना है कि जनता की आकांक्षाओं की असली अभिव्यक्ति बैलेट ही है। बुलेट के जरिए कभी भी विकास के रास्ते पर चला नहीं ज सकता। कुछ यही विचार भारत और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में लंबे समय तक भूमिगत रहने वाले माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य सचेतक दीनानाथ शर्मा का है। शर्मा छत्तीसगढ़ के पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे . निमांग एवं शर्मा ने कहा- नक्सली जिस रास्ते पर चल रहे हैं उस रास्ते से उन्हें सौ सालों में सफलता नहीं मिल सकती। उनका मानना है कि नेपाल में माओवादियों ने बैलेट के जरिए ही सफलता पाई है, इसलिए बुलेट को विकल्प नहीं माना ज सकता।  
  निमांग एवं शर्मा ने कहा कि नेपाल में नए गणतंत्र की स्थापना से एक अच्छा संदेश गया है। अब नेपाल को इज्जत की निगाहों से देखा जने लगा है।नए नेपाल के गठन की तैयारी में जुटे नेताओं ने बताया कि राजशाही से देश की जनता परेशान हो चुकी थी। राजशाही ने नेपाल में ऐसा कुछ नहीं किया जिससे जनता का भला होता। उन्होंने बताया कि राजशाही के खिलाफ संघर्ष के दौरान लगभग १४ हजर लड़ाकों की जनें चली गई है। इन लड़ाकों को अब शहीद का दज्र देते हुए उनके परिजनों को दस-दस लाख रूपए का मुआवज देने की तैयारी चल रही है। लोकतंत्र की नई व्यवस्था के बारे में जनकारी देते हुए नेताओं ने बताया कि नेपाल किसी भी देश की लोकतंत्रीय व्यवस्था की फोटोकापी लागू करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि राजशाही में नेपाल का तराई वाला इलाका, गरीब-दलित सभी छूट गए थे, लेकिन नए नेपाल में 21 वीं सदी का लोकतंत्र गढ़ा ज रहा है जिसमें हर हाल में जनता के अधिकार और सम्मान की गारंटी होगी। छह सौ एक सदस्यीय संविधान सभा नेपाल को बदलने तैयारी में लगी हुई है। इस सभा की अब तक 20 से ज्यादा बैठकें हो चुकी है।
नक्सलियों द्वारा तिरुपति से पशुपति तक रेड कारीडोर बनाए जने की बात को अस्वीकार करते हुए नेताओं ने कहा कि भारत में यह प्रचार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किया गया था। नेताद्वय ने माना कि भ्रम के आधार पर जनता के बीच यकीन की जड़े जमाई नहीं ज सकती।
नेपाल के हिन्दू राष्ट्र नहीं रहने के सवाल पर शर्मा ने कहा कि धर्म हमेशा से व्यक्ति मसला होता है। वे धार्मिक नहीं है, लेकिन किसी से यह नहीं कहेंगे कि जओं अमुक जगह की मस्जिद तोड़ दो।www.janadesh.in 

3 comments:

BrijmohanShrivastava said...

दोनों समाचार देखे /एक यह दूसरा जज साहबान वाला / समाचारों के साथ पुष्टि या विरोध में आपकी अभिव्यक्ति होती तो ज़्यादा अच्छा रहता क्योंकि समाचारों पर कमेन्ट करने वाली बात तो राजनेताओं को ही सुहाती है =आप पत्रकारिता से जुड़े हैं तो अपना मत अपनी भाषा में अपनी लेखन शैली में लिखे तो पाठक आपकी अभिव्यक्ति से भी रूवरू हो सकें

हिन्दीवाणी said...

स्वागत है। निरंतरता बनाए रखें।

Smart Indian said...

हाल ही में उडीसा के एक माओवादी नेता ने दावा किया है कि लक्ष्मणानंद सरस्वती की ह्त्या माओवादियों ने की है और उनके अलावा अनेकों हिन्दू नेता माओवादियों की हिट लिस्ट में हैं.