Thursday, October 2, 2008

रायपुर से कांग्रेस का 'सेनापति' पत्रकार?

संदीप पुराणिक/संजीत त्रिपाठी

रायपुर , अक्टूबर। रायपुर की चारों विधानसभा में सबसे कठिन मानी जा रही दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता अपनी-अपनी चौसर बिछाकर प्यादों के नाम आगे पीछे करने में लगे हुए हैं पर बृजमोहन पिछले चार चुनावों से अजेय बने हुए हैं। कहीं न कहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनके खिलाफ एक ऐसा प्रत्याशी ढूंढने में लगे हुए हैं जो भले ही उन्हें पराजित न कर पाए लेकिन ऐसी टक्कर देकर यह महसूस करवा दे कि उनके अभेद्य दुर्ग में सेंध लग चुकी है और उनकी 'बादशाहत' अब सुरक्षित नहीं रही। इसी तारतम्य में कांग्रेस के बूढ़े शेर कहलाने वाले एक वरिष्ठ नेता ने दक्षिण विधानसभा सीट से एक वरिष्ठ पत्रकार अनल प्रकाश शुक्ला का नाम आगे बढ़ाया है जिसके नाम का विरोध अन्य कोई वरिष्ठ नेता नहीं कर सकता।  क्योंकि इस वरिष्ठ पत्रकार ने अपने 30 साल के साफ सुधरे बेदाग कैरियर में एकाध को छोड़कर बाकी सभी नेताओं को नेता बनते देखा है। कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर छानबीन समिति की बैठक 3 अक्टूबर को है। संभवत: बैठक में श्री शुक्ला का नाम तय कर केन्द्रीय समिति को भेज दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल लगातार चार बार से रायपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जा रहे हैं। नए परिसीमन में रायपुर के दो विधानसभा क्षेत्र बढ़कर चार हो गए हैं। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की हैसियत से बृजमोहन अग्रवाल ने ही फतह हासिल की थी। बृजमोहन अग्रवाल ने इस सीट को भाजपा का गढ़ बना दिया है। रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को कांग्रेस प्रतिष्ठा की सीट मानकर चल रही है, इस बार कांग्रेस यहां जीत हासिल करना चाहती है। कांग्रेस में दक्षिण विधानसभा सीट से टिकट के लिए संतोष दुबे, योगेश तिवारी, प्रमोद दुबे, हाजी नाजिमुद्दीन, पप्पु फरिश्ता सहित अन्य कई नाम चर्चा में रहे हैं। रायपुर दक्षिण सीट से प्रदेश के एक बड़े नेता ने काफी सोच विचार कर वरिष्ठ पत्रकार अनल प्रकाश शुक्ला का नाम सामने कर दिया। श्री शुक्ला का नाम सामने आने से प्रदेश के बाकी नेताओं ने भी कोई विरोध नहीं किया है। उनके नाम पर सभी सहमत बताए जाते हैं। जानकारों का कहना है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट में सर्वाधिक ब्राम्हण समाज के मतदाता हैं। ब्राम्हण समाज के मतदाताओं के अलावा मूल छत्तीसगढ़िया अन्य जाति भी इस क्षेत्र में निवास करते हैं। शहरी क्षेत्र में जातिवाद व छत्तीसगढ़िया वाद कभी हावी नहीं रहा है, लेकिन यदि कांग्रेस श्री शुक्ला को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारती है तो यहां मुकाबला काफी दिलचस्प होगा और राजस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के लिए यह सीट आसान नहीं होगी। श्री शुक्ला की छवि साफ-सुथरी है, वे राजनीति में सक्रिय नहीं है, लेकिन समाज में उनकी पकड़ को देखते हुए उन्हें मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। यदि श्री शुक्ला को प्रत्याशी बनाया जाता है तो इस चुनाव में श्री अग्रवाल को काफी संघर्ष करना पड़ेगा।
रायपुर की एक सीट ओबीसी को दिया जाना लगभग तय है। इनमें चंदशेखर यादव, सुधीर कटियार और मोतीलाल साहू का नाम चर्चा में है। बाकी दो सीटों में एक पर सत्यनारायण शर्मा का नाम तय हो गया है। एक अन्य सीट पर रमेश वर्ल्यानी के नाम पर सहमति मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार छानबीन समिति की आखरी बैठक शुक्रवार को होगी। बैठक में अंतिम रूप से नाम छटनी कर केन्द्रीय समिति को भेज दिया जाएगा। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 8 व 9 अक्टूबर को होगी। प्रत्याशियों की सूची दशहरे के बाद जारी होने की संभावना है।

1 comment:

Anonymous said...

vaise to rajneeti mujhe samajh me nahi ati hai, lekin raypur ki rajneeti ki jankari dene ke liye dhanyabad, baba ramdev ki sanjivani booti k bare me bhi aapse jankari mili ek bar fir se dhanyabad, aur ha ye word verification hata le to comment karne me aasani hogi.

aapke agle lekh ki prateeksha me


Vishal Verma