Saturday, February 14, 2009

ऐसे सड़क पर गिराकर पीटी गई लड़किया



अंबरीश कुमार
लखनऊ,  फरवरी। उत्तर प्रदेश में मायावती की पुलिस का अभियान जरी है। गुरूवार को शिक्षकों की पिटाई हुई तो शुक्रवार को पत्रकार पिटे। आज शनिवार को छात्राओं का नंबर आया। पुलिस ने इस बेरहमी के साथ दो छात्राओं को पीटा कि उन्हें अस्पताल ले जना पड़ा। वेलेन्टाइन दिवस ़के दिन लफंगों और शोहदों के बाद पुलिस ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। शहर के एक हिस्से में बजरंगी संस्कृति की रक्षा करने में जुटे थे तो विधानसभा के सामने महिला पुलिस ने दो छात्राओं के साथ जो सुलूक किया, वह शर्मनाक था। हालांकि लखनऊ के एसपी-कानून व्यवस्था रघुवीर लाल ने कहा, ‘मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने पर आमादा छात्राएं महिला कांस्टेबिल से भिड़ गई थीं जिसकी वजह से उन्हें सख्ती से पेश आना पड़ा। बाद में शांति भंग की आशंका में तीन छात्राओं व चार छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।’
छात्राओं की पिटाई की फोटो से साफ है कि पुलिस ने किस तरह उनके कपड़ों पर हाथ डाल रखा है। दोनों छात्राओं प्रियंका लाल और अर्चना गोस्वामी को पुलिस ने इतनी बेरहमी से पीटा कि उन्हें अस्पताल ले जना पड़ा। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा-मायावती के राज में पुलिस पूरी तरह बेकाबू हो गई है। ला कालेज की छात्राओं ने आज विधि प्रथम सेमेस्टर परीक्षा की कापियों की पुन: जंच को लेकर जब प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उन पर लाठियां चलाई। जिसके चलते समाजवादी महिला सभा की प्रदेश सचिव प्रिंयका लाल और अर्चना गोस्वामी को गंभीर चोंटे आई। अर्चना गोस्वामी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदर्शन में अन्य छात्रों के अलावा सौरभ शर्मा, अनामिका, सुपर्ण समदरिया आदि शामिल थे।
गौरतलब है कि डाक्टर भीमराव आंबेडकर ला कालेज के छात्र-छात्राएं विधि प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर आंदोलनरत हैं। इस कालेज के ६0 छात्रों में से सिर्फ दो ही छात्र इस बार पास हुए हैं। छात्र इस बात से काफी नाराज थे और आंदोलन के चलते १२ फरवरी से भूख हड़ताल पर बैठे थे। आज इन्हीं छात्र-छात्राओं ने जब मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने का प्रयास किया तो महिला पुलिस कांस्टेबिल के साथ उनकी ङाड़प हुई। छात्राएं अपने आंदोलन के चलते जब पुतला फूंकने पर अड़ गई तो उनकी बुरी तरह पिटाई की गई। पिटाई के साथ-साथ पुलिस ने उन्हें सड़क पर गिरा कर मारना शुरू किया। बाकी कहानी इसकी फोटो खुद बता दे रही है। इससे पहले गुरूवार को शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान जो फोटो ली गई थीं, उनमें एडीएम डाक्टर अनिल कुमार पाठक एक शिक्षक के सिर पर जूता मारते नजर आ रहे थे। इसके बाद कल एडीशनल एसपी परेश पांडेय ने पत्रकारों की धुनाई की। इस कड़ी में भय मुक्त समाज की पुलिस ने आज छात्राओं को सड़क पर गिराकर मारा।जनसत्ता 


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