Sunday, February 24, 2008

तीसरा फिल्म उत्सव -फिल्म गर्म हवा आकर्षण का केन्द्र


एसके सिंह
गोरखपुर, फरवरी। तीसरा फिल्म उत्सव शनिवार को गोरखपुर में शुरू हो गया। इस उत्सव से गोरखपुर विश्वविद्यालय का वातावरण बालीवुड जसा नजर तो आ ही रहा है दूसरे इस उत्सव से गोरखपुर ही नहीं पूर्वाचल के रंगकर्मियों, नाट्यकर्मियों और सिने कलाकारों की हौसलाआफजई भी हो रही है। इस उत्सव ने मनोरंजन को एक कैरियर के रूप में भी चुनने पर बल दिया है। फिल्म उत्सव को लेकर बच्चों में ही नहीं बड़े और बूढ़ों में भी खासी उत्सुकता दिख रही है। फिल्म उत्सव के उद्घाटन सत्र का पहला दिन पहला आकर्षण सुप्रसिद्ध रंगकर्मी और फिल्मकार एम एस सथ्यू की चर्चित और यादगार फिल्म गर्म हवा का प्रदर्शन रहा। तो दूसरा आकर्षण युग मंच नैनीताल द्वारा मंचित नाटक, नाटक जरी है था।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में तीसरे फिल्म उत्सव का उद्घाटन करने के बाद स्मारिका का लोकार्पण करते रंगकर्मी और फिल्मकार एमएस सथ्यू फोटो-प्रमोद कुमार सिंह





त्रिलोचन और कउर्रतुल एन हैदर की याद में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में जन संस्कृति मंच और गोरखपुर फिल्म सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में चार दिनों तक चलने वाला फिल्मोत्सव 2008 विभाजन और विस्थापन के 60 साल के केन्द्रीय विषय वस्तु पर आधारित है। इस फिल्मउत्सव में कुल १७ फिल्में दिखाई जयेंगी जिनमें ६ फीचर, ६ डाक्यूमेंट्री चार एनीमेशन फिल्में तथा एक लघु फिल्म श्रृंखला है। उत्सव में इसके अलावा नैनीताल की सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक दल युग मंच की नाट्य प्रस्तुति लोक गीत एवं लोक नृत्य, मध्य प्रदेश के देवास की बैराग लोक गीत, युवा मंडल का कबीर के भजनों की प्रस्तुति तथा परनब मुखर्जी की नाट्य प्रस्तुति भी होगी। इस फिल्म उत्सव में सुप्रसिद्ध फिल्मकार एम एस सथ्यू सहित पांच फिल्मकार भाग ले रहे हैं।
शनिवार को उत्सव के उद्घाटन सत्र में सुप्रसिद्ध रंगकर्मी और फिल्मकार एम एस सथ्यू की चर्चित और यादगार फिल्म गर्म हवा का प्रदर्शन आकर्षण का केन्द्र रहा। सन १९७३ में बनी इस फिल्म में भारत पाक बंटवारे की सांप्रदायिक राजनीति और इससे उत्पन्न सामाजिक त्रासदी को जिस विश्वसीनय ढंग से उभारा गया था वह अन्यतया था। आपसी घृणा, हिंसा, नफरत, विस्थापन के दु:ख और बंटवारे की राजनीति के बीच मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिये जूङा रहे कुछ मुस्लिम पात्रों के माध्यम से इस फिल्म में ऐसा संघर्ष उभरता है जो आज के दौर में व्यापक तौर पर जटिल हो गया है तथा साम्प्रदायिक फासीवाद राजनीति खतरनाक रूप में मौजूद है, कुल मिलाकर फिल्म इस ओर इशारा करती है कि विगत को न दोहरा कर साङा सामाजिक तानेबाने के भविष्य का निर्माण किया जय। इस अर्थ में गर्म हवा का प्रदर्शन अधिक प्रासंगिकता के साथ हस्तक्षेपकारी है।
उद्घाटन का दूसरा मुख्य आकर्षण मंचित नाटक नौटंकी जरी है था, मशहूर रंगकर्मी जहूर आलम द्वारा निर्देशित यह नाटक धार्मिक राजनैतिक, सामाजिक सभी व्रिदूपों को उघाड़ते हुए भारतीय समाज के अतीत और वर्तमान को प्रतीकात्मक आस्थान के साथ खलने का सफतापूर्वक प्रयास करता है। इस नाटक की विशेष बात यह है कि निर्देशक ने अपने कौशल से कतिपय प्रसिद्ध नाटकों का कोलाज तैयार किया गया है जिसमें अतीत और वर्तमान दोनों को गूंथा गया है।
आयोजन की विधिवत शुरूआत तीसरा गोरखपुर फिल्म उत्सव के अध्यक्ष प्रोफेसर राम कृष्ण मणि त्रिपाठी के स्वागत भाषण से हुई, तत्पश्चात जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय महासचिव प्रणयकृष्ण ने आयोजन की प्रासंगिकता पर अपना वक्तव्य पेश किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राम जी राय ने की, अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि गोरखपुर फिल्म उत्सव प्रतिरोध की संस्कृति को विकसित करने का आधार बन चुका है और इसे व्यापक रूप से आंदोलन में बदलना हमारे समय की जरूरत है।
आयोजन के उद्घाटन सत्र का संचालन जन संस्कृति मंच के उ.प्र. सचिव आशुतोष कुमार द्वारा किया गया, आयोजन के बीच सुप्रसिद्ध हिन्दी कवि मंगलेश डबराल द्वारा प्रदर्शन से पूर्व गर्म हवा फिल्म का परिचय प्रस्तुत किया गया, साथ ही गोरखपुर शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी डा. अजीज अहमद द्वारा फिल्मकार एम एस सथ्यू का सम्मान किया गया। इसके अलावा रूपांतर नाट्य ग्रुप की निदेशक एवं रंगी कर्मी गिरीश रस्तोगी द्वारा युगमंच के जहूर आलम का सम्मान भी किया गया। युग मंच का परिचय संजय जोशी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि फिल्मकार एम एस सथ्यू द्वारा विस्थापन और विभाजन के ६0 साल पर केन्द्रित एक स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया।
इस अवसर परं भाषा सिंह ने बताया - दूसरे दिन रविवार को पूरे दिन बच्चों से जुड़ी फिल्में दिखाई गयीं। उनमें चार्ली चैपलिन की द किड, संतोष शिवम की हैलो, इरानी फिल्म छूरी के अलावा चिल्ड्रेन फिल्म सोसाइटी की एनीमेशन फिल्में तथा १७ देशों के फिल्मकारों द्वारा बनायी गयी छोटी छोटी फिल्मों की श्रृंखला ओपेन ए डोर प्रमुख हैं। इन्होंने बताया फिल्म उत्सव के तीसरे दिन त्वीक घटक की फीचर फिल्म सुवर्ण रेखा, विनोद राज की डाक्यूमेंट्री फिल्म महुआ, मेमो आयर, सुरभि शर्मा की जहाजी म्युजिक, लाडली मुखोपाध्याय की द लैंड इज मायन का प्रदर्शन होगा। इसी दिन सायं ६ बजे बेस्ट आफ कोलकाता कैंपस के प्रनव मुखर्जी और उनके साथी की नाट्य प्रस्तुति नंदीग्राम प्रोजेक्ट का मंचन होगा।

1 comment:

Unknown said...

thanks madum savita ji . really i repreciate your thiking . i know about gorakhpur i dont know about this program . i heartlly congratulation about this blog . film festival report by sk singh is very needfull to film industry.
Sanjeev From Kanpur