Monday, February 11, 2008

अमिताभ बच्चन को प्रधानमंत्री बनाने की पेशकश

नई दिल्ली, फरवरी-अमिताभ बच्चन उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में ऐश्वर्य डिग्री कॉलेज के शिलान्यास में चार ताकतर भूतपरू मुख्यमंत्रियों को जुटा कर साबित करा चुके हैं कि बॉलीवुड में राजनीति के असल में ही किंगमेकर है। अब खबर यह है कि अमर सिंह ने यूएनपीए के नेताओं चंद्रबाबू नायडू, ओम प्रकाश चौटाला और फारूक अब्दुल्ला को सलाह दी है कि वे यूएनपीए की तरफ से अमिताभ बच्चन को अगले लोकसभा चुना में भावी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करके चुनावी गणित अपने पक्ष में कर सकते हैं।

अमिताभ अपने समय की राजनीति के धुरंधर माने जने ाले हेमती नंदन बहुगुणा को हरा कर साबित कर चुक हैं कि उनकी लोकप्रियता राजनीति में उनके लिए कितनी बड़ी ताकत हैं। लेकिन गांधी परिार से रिश्ते बिगड़ जने के बाद उन्होंने राजनीति से जो सन्यास लिया, ह अब तक जरी है। राजनीति में जहिर तौर पर अमर सिंह अमिताभ के सबसे नजदीक हैं और े खुद को गि बी का छोटा भाई भी घोषित कर चुके हैं, जिस पर खुद अमिताभ ने भी कभी आपत्ति नहीं जताई।

यहां यह बताया ज सकता है कि हरियाणा के सांपला में एक रैली के दौरान बातचीत में अमर सिंह ने यह सनसनीखेज प्रस्ता पेश किया। अमर सिंह अब तक कई बार अमिताभ को समाजदी पार्टी के टिकट पर चुना लड़ाने की कोशिश कर चुके हैं। लेकिन अमिताभ को चुना लड़ने के लिए े एक बार भी नहीं मना पाए हैं। राष्ट्रपति पद के चुना के दौरान अमिताभ को भाी राष्ट्रपति के रूप में पेश करके अमर सिंह ने तुरुप का इक्का चलने की कोशिश जरूर की थी, लेकिन तब भी े बिग को नहीं पटा पाए थे। लेकिन अमर सिंह के नजदीकी सूत्रों के अनुसार अमर सिंह को पक्का भरोसा है कि अगर अमिताभ बच्चन के प्रधानमंत्री बनने के हालात उन्होंने पैदा कर दिए तो अमिताभ को उनकी बात मानने के लिए मजबूर होना ही पड़ेगा।

सूत्रों के अनुसार अमर सिंह ने यूएनपीए के नेताओं को कहा है कि अमिताभ अपनी लोकप्रियता के मामले में देश के सभी नेताओं पर भी भारी पड़ते हैं। ऐसे में अगर हम उन्हें प्रधानमंत्री पद के दोदार के रूप में पेश करते हैं तो हमारी रणनीति कामयाब भी हो सकती है और देश की राजनीति में हम नया मोड़ ला सकते हैं। अमर सिंह ने अमिताभ को मनाने की जिम्मेदारी भी पूरी तरह अपने कंधों पर ली है। अब यह अमिताभ पर है कि वे खुद को देश के भाी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करते हैं या नहीं क्योंकि अभी तक उनकी सहमति मिलना बाकी है। डेटलाइन इंडिया

1 comment:

Sanjeet Tripathi said...

अमर सिंह जी के हरकतों(बयानों) से अक्सर रामायण के शरारती बंदर याद आ जाते हैं ;)