Friday, September 23, 2011

कंपनी सरकार किसानो की खेती की जमीन छीन रही



अंबरीश कुमार
मोहगांव, सितंबर । आज इस गांव में हुए किसान पंचायत में सर्वसम्मत से फैसला किया कि किसी भी तरह कि परियोजना के लिए अब आस पास के किसान एक इंच भी जमीन नहीं देंगे | नागपुर से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा जिले के इस आदिवासी अंचल में आज पांच राज्यों के किसान संघटनों के प्रतिनिधियों के अलावा हजारों कि संख्या में किसान जुटे । इस मौके पर नर्मदा बचाओ आंदोलन कि नेता मेघा पाटकर ने खेती कि जमीन लुटने कि साजिश से किसानों को आगाह किया ।
मेघा पाटकर ने आगे कहा - देश के विभिन्न राज्यों में कंपनी सरकार किसानो की खेती की जमीन छीन रही है। जिसके खिलाफ अब बड़ी लड़ाई लड़नी होगी । उन्होंने कंपनी सरकार शब्द की व्याख्या करते हुए कहा की वह सरकार जो कंपनियों से सांठ - गांठ करके चलती हो उसे कंपनी सरकार मानना चाहिए। दुर्भाग्य यह है कि कंपनी सरकार कि यह प्रवृति अब सर्वदलीय हो रही है । मेघा पाटकर ने खेती कि जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ नवम्बर से राष्ट्रीय किसान यात्रा अभियान शुरू करने का एलान किया जिसमे देश के विभिन्न जन संघटन,किसान संघटन,आदिवासी व मजदूर संगठन भी शिरकत करेंगे । गौरतलब है कि इस इलाके में पेंच राष्ट्रीय पार्क है जिसका दक्षिणी हिस्सा नागपुर के जंगल में पड़ता है और वहां अडानी की बिजली परियोजना के खिलाफ जब आंदोलन हुआ तो उन्हें काम बंद करना पड़ा । जबकि दूसरा सिरा छिंदवाडा के इस अंचल में पड़ता है और यहां के किसान इस परियोजना के खिलाफ आंदोलनरत है |इसके अलावा इस छेत्र में एसकेएस पावर प्रोजेक्ट, मेक्सो प्रोजेक्ट, पेंच डाई वर्जन प्रोजेक्ट और एसइजेड के लिए किसानो की जमीन ली जा रही है | इसको लेकर काफी नाराजगी है । किसानों की यह नाराजगी आज की किसान पंचायत में उभर कर सामने आई है । किसान पंचायत ने जो प्रस्ताव पास किया है । उसमे कहा गया है कि राज्य सरकार ने 1985 -86 में जो जमीन बिजली घर बनाने के नाम पर पांच से दस हजार एकड़ में ली गई थी । अब वही जमीन अडानी समूह को बिजली घर बनाने के लिए साढ़े तेरह लाख रूपए एकड़ के भाव बेचीं गई है । पूरे खेल में राज्य कि भाजपा और केंद्र की कांग्रेस सरकार कंधे से कंधा मिला कर चल रही है ।
आज की किसान पंचायत में पुलिस की रोक टोक के बावजूद हजारों की संख्या में किसानों का पहुंचना एक बड़े किसान आंदोलन की जमीन तैयार करना नजर आ रहा है । इस किसान पंचायत में महिलाओं की जबरदस्त हिस्सेदारी थी । जैसे ही मेघा पाटकर, किसान मंच के नेता विनोद सिंह और इंडियन सोशल एक्सन फोरम के महासचिव चितरंजन सिंह मोहगांव पहुंचे नगाड़े और पटाखों से उनका स्वागत किया गया । गांव की महिलाएं अपने घरों से बहार निकल आई और वे नारे लगाते हुए मेघा पाटकर के साथ पंचायत स्थल पर पहुंची । इस मौके पर नारा लग रहा था - जब तक जेल में चना रहेगा आना जाना लगा रहेगा, जमीन हमारी आपकी - नहीं किसी के बाप की जैसे कई नारे गूंज रहे थे । जिला मुख्यालय से करीब 35-40 किमी दूर इस गांव में पुलिस का जबरदस्त बंदोबस्त था । इस इलाके में पहली बार किसान आक्रामक तेवर के साथ गोलबंद होते नजर आ रहे थे । इस मौके पर बोलते हुए किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह ने दादरी आंदोलन से सबक लेते हुए किसानों से लम्बी लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा । उन्होंने कहा कि विपक्ष में मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानो का गुस्सा बढ़ रहा है| इस बात को राज्यों व सरकार को समझना चाहिए वरना जिस तरह दादरी आंदोलन के चलते मुलायम सिंह की सरकार गई उसी तरह यह सरकारें भी सत्ता से बेदखल हो जाएंगी | इंसाफ के महासचिव चितरंजन सिंह ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अगर छिंदवाड़ा को नक्सल प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की कोशिश की गई तो इसका अंजाम भुगतना होगा | उन्होंने इस महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश तक बिजली घरों के नाम पर सवा लाख एकड़ से ज्यादा जमीन छिनने की साजिश पर सरकार को आगाह किया | उन्होंने कहा कि अब जमीन की यह लूट ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी|
इस मौके पर किसान संघर्ष समिति के संयोजक डा सुनील ने कार्पोरेट क्षेत्र को चुनौती देते हुए कहा कि अगर खेती की जमीन ली गई तो किसान आर पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगे | अब यह लड़ाई गांव से लेकर दिल्ली तक होगी | jansatta

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