Thursday, December 18, 2008

दहशतगर्द देवबंदी धारा के-बरेलवी

अंबरीश कुमार/वीरेन्द्र नाथ भट्ट
लखनऊ, १८ दिसम्बर। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि अब्दुल हुसैन हारून के बयान पर बरेलवी और देवबंदी मुसलमान आमने-सामने आ गए हैं। बरेलवी समुदाय ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवाद के रास्ते पर चल रहे नौजवान देवबंदी विचारधारा मानने वाले हैं। इससे पहले पाकिस्तान के बयान पर देवबंद ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए माफी मांगने की मांग की थी पर अब यह मुद्दा मुसलिम समुदाय के बीच ही विवाद बढ़ाता नजर आ रहा है। 
बरेलवी समुदाय के प्रमुख नेता मौलाना तौकीर रज खान ने कहा,‘हमने पाकिस्तान के राजनयिक का पूरा बयान नहीं देखा है पर यह तो साफ है कि जम्मू और कश्मीर में जो लोग आतंकवाद के रास्ते पर चल रहे हैं, वे देवबंदी जहनियत के हैं। हमें उनकी दहशतगर्दी को जेहाद का नाम दिए जने पर सख्त आपत्ति है।’ दूसरी तरफ आल इंडिया पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा-यदि पाकिस्तान ने देवबंद के उलेमा से कोई अपील की है तो इसमें विवाद क्यों हो रहा है? हालांकि पाकिस्तान को इस तरह की अपील केन्द्र सरकार के माध्यम से करनी चाहिए थी। यदि पाकिस्तान में लोग देवबंद की विचारधारा को मानते हैं तो इस पर फक्र होना चाहिए। वैसे भी आजदी की लड़ाई के समय से देवबंद का प्रभाव मुसलिम समुदाय के बड़े वर्ग पर रहा है। आज भी यदि देवबंद विचारधारा को मानने वाले गलत रास्ते पर चल रहे हैं तो उन्हें समङाने में कोई बुराई नहीं है। 
गौरतलब है कि पाकिस्तान के राजनयिक अब्दुल हुसैन हारून ने भारत और पाकिस्तान में बढ़ रही आतंकवादी घटनाओं के संदर्भ में कहा था कि मेरा यह सुङाव है कि देवबंद के उलेमा जिनका पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी फंट्रियर प्रांत और केन्द्र शासित आदिवासी क्षेत्र में खासा असर है, उन्हें भारत और पाकिस्तान में निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ फतवा जरी करना चाहिए। इस बयान के बाद दारूल उलूम देवबंद के रेक्टर मौलाना मगरूबुर रहमान का एक बयान नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मदरासी ने जरी करते हुए कहा-हम पाकिस्तान के इस बयान की भत्र्सना करते हैं। पाकिस्तान के जिम्मेदार अफसर को इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान अंतरराष्ट्रीय फोरम पर देने से बचना चाहिए। बयान में आगे कहा गया कि दारूल उलूम देवबंद हमेशा से शांति, सद्भाव और इस्लाम की शिक्षा के प्रसार में लगा रहा है। हमने देश के कई बड़े शहरों जिसमें दिल्ली और हैदराबाद भी शामिल हैं, वहां आतंकवाद के विरोध में सम्मेलन किए हैं। 
दूसरी तरफ बरेलवी समुदाय के धर्मगुरू और किछौछा दरगाह के सज्जादनसीं मौलाना सैय्यद हाशिम ने पाकिस्तान के राजनयिक के बयान का समर्थन करते हुए कहा-सिर्फ देवबंदी विचारधारा के लोग ही भारत और इस महाद्वीप में आतंकवाद के रास्ते पर चल रहे हैं। केन्द्र सरकार को देवबंदी मदरसों पर नजर रखनी चाहिए कि वे वहां क्या पढ़ा रहे हैं और उनका पाठ्यक्रम क्या है?
यह पहली बार हुआ कि आतंकवाद के सवाल पर देवबंद मुसलिम समुदाय बरेलवी के अलावा पाकिस्तान के भी निशाने पर आया है। हालांकि मुसलिम समुदाय में पहले यह चर्चा दबी जुबान से होती थी पर अब पाकिस्तान के सुङाव के बाद इस पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। देवबंदी मदरसों को लेकर अभी तक हिन्दुत्ववादी संगठन सवाल उठाते रहे हैं पर बरेलवी समुदाय के आरोप के बाद यह विवाद और आगे बढ़ सकता है। देवबंदी विचारधार के लोग विश्व के कई मुसलिम देशों में हैं और भारत-पाकिस्तान व बांगलादेश में इनकी संख्या काफी ज्यादा है। जनसत्ता / इंडियन एक्सप्रेस

No comments: