Sunday, January 2, 2011

जेपी के सिपाही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नई मुहिम छेड़ेंगे


अंबरीश कुमार
लखनऊ , जनवरी । जयप्रकाश आंदोलन के सिपाही अब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हिंदी भाषी राज्यों में नई मुहिम छेड़ेंगे । यह फैसला आज यहाँ जयप्रकाश नारायण की बनाई छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के पुराने कार्यकर्ताओं के सम्मलेन में हुआ । इसके साथ ही सम्मलेन में नए राजनैतिक मंच राष्ट्रीय संघर्ष वाहिनी मंच के गठन का एलान भी किया गया जो तीन महीने में उत्तर भारत के सौ जिलों में संगठनात्मक ढांचा तैयार करेगा और नई राजनैतिक पहल करेगा । राजनैतिक मंच की वैचारिक नीव पिछले वर्ष मई में वाहिनी मित्र मिलन के नैनीताल शिविर में रखी गई थी । ३१ दिसंबर से शुरू हुआ यह सम्मलेन आज समाप्त हो गया जिसमे पांच राज्यों के जयप्रकाश आंदोलन के कार्यकर्त्ता जुटे थे । इनमे ओड़िसा के नियमगिरि आंदोलन का नेतृत्व करने वाले से लेकर बिहार के बोधगया आंदोलन के कार्यकर्त्ता तक शामिल थे । सम्मलेन का अंतिम सत्र जयप्रकाश नारायण के सहयोगी शोभाकांत दास के संदेश के साथ समाप्त हुआ जो उन्होंने चेन्नई से फोन के जरिए कार्यकर्ताओं को दिया । स्वास्थ्य वजहों से इस सम्मलेन में शोभाकांत दास नही आ पाए । सम्मलेन में उत्तर प्रदेश , दिल्ली , बिहार , ओड़िसा , महाराष्ट्र ,झारखंड और ओड़िसा जैसे राज्यों से कार्यकर्त्ता पहुंचे थे ।
सम्मलेन में नए मंच राष्ट्रीय संघर्ष वाहिनी के विधिवत गठन के लिए तैयारी समिति बनाई गई है जिसके संयोजक राजीव बनाए गए तो सह संयोजक बिहार के पंकज और झारखंड के घनश्याम बनाए गए । जबकि राष्ट्रीय समिति में बिहार के कारू ,प्रकाश नारायण ,रमन कुमार , महाराष्ट्र से ज्ञानेंद्र ,शेखर सुनालकर ,दिल्ली से तारा ,पुतुल ,ओड़िसा से किशोर ,सिद्धार्थ और उत्तर प्रदेश से राकेश रफीक , ओम प्रकाश अरुण शामिल किये गए है । नया मंच का आधार पचास से सौ जिलो तक तैयार कर तीन महीने में सौ कार्यकर्ताओं की टीम तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है । बिहार के मुज्जफरपुर में अगली बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी । गौरतलब है कि वाहिनी के पुराने कार्यकर्त्ता काफी समय से राजनैतिक मंच के गठन पर चर्चा कर रहे थे । चेन्नई में दो साल पहले हुए वाहिनी के सम्मलेन के बाद यह अभियान आगे बढ़ा और नैनीताल शिविर में सैधांतिक रूप से इसपर आम सहमती बन गई थी । लखनऊ के सम्मलेन में इसे मूर्त रूप देते हुए नए मंच का एलान कर दिया गया ।
बोधगया आंदोलन के कार्यकर्त्ता महात्मा भाई ने कहा - नया मंच राजनैतिक मंच होगा पर यह राजनैतिक दल नही है । इस मंच से कोई चुनाव भी नही लडेगा पर राजनैतिक दल के लोग इसमे शामिल हो सकते है । इस सम्मलेन में बिहार में जनता दल (यु) के विधायक सुरेश अंचल भी शामिल हुए क्योकि वे वाहिनी से ही निकले है । दूसरी तरफ कालाहांडी के सांसद भक्तचरण दास भी शामिल होने वाले थे पर अंतिम दौर में उनका कार्यक्रम रद्द हो गया । भक्त चरण दास नैनीताल के शिविर में शामिल हो चुके है ।
सम्मलेन में झारखंड ,बिहार ,ओड़िसा और उत्तर प्रदेश से काफी संख्या में कार्यकर्त्ता जुटे थे । झारखंड से विश्वनाथ बागी , मधुकर कुमुद ,राजेंद्र कुमार ,सतीश कुंदन थे तो ओड़िसा से निरंजन विद्रोही और सिद्धार्थ के नेतृत्व में कार्यकर्त्ता आए । दिल्ली से पत्रकार मणिमाला भी समेलन में शरीक हुई । मणिमाला बोधगया आंदोलन की जुझारू कार्यकर्त्ता रही है । दूसरी तरफ ओड़िसा में नियमगिरि आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सिद्धार्थ भी थे जिन्होंने वेदांता के खिलाफ कारगर मोर्चा खोला था । वाहिनी के इस सम्मलेन में बड़ी संख्या में नौजवान शामिल हुए जो नए मंच की रीढ़ बन सकते है । जनसत्ता से

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