Thursday, September 30, 2010

और खिल उठे भगवा ब्रिगेड के चेहरे


अंबरीश कुमार
लखनऊ, ।अयोध्या विवाद के साठ साल बाद आए फैसले से हिंदुत्व की राजनीति करने वालों को नई ऊर्जा मिल सकती है। अयोध्या से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक भगवा ब्रिगेड के चेहरे खिल उठे हैं। फैसले की खबर मिलते ही अयोध्या के कारसेवक पुरम में महंत नृत्य गोपाल दास साधू-संतों से निपट गए। तो दूसरी तरफ उमा भारती से लेकर कल्याण सिंह तक ने तहे दिल से अदालत का आभार जताया। भारतीय जनता पार्टी ने फैसले पर ख़ुशी जताते हुए आम जनता से संयम से काम लेने की अपील की । कल तक जो यह कहते थे की अयोध्या में विवादित स्थल में राम लला का जन्म हुआ था आज अदालत ने उसपर मोहर लगा दी। हालांकि वाम दल इस फैसले को सबको संतुष्ट करने वाला राजनैतिक फैसला मान रहे हैं। पर हिंदुत्ववादी ताकतें अब अगले कदम की तैयारी में जुट गयीं हैं। इन ताकतों के मुताबिक यह तो साफ़ हो गया कि अयोध्या में मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाई गई थी और उसी जगह पर रामलला का जन्म हुआ था। अब अगला कदम राम मंदिर का होगा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा- 'अयोध्या में रामलला का मंदिर आस्था और विश्वास का मुद्दा रहा है। हिन्दुओं का ये मानना रहा है कि रामलला का जन्म यहाँ हुआ था। आज अदालत ने भी इसे स्वीकार कर लिया है । अब अयोध्या में रामलला का मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ हो गया है।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहा-अयोध्या विवाद पर आज के फैसले से हिन्दुत्ववादी ताकतों के हौसले बुलंद हो सकते हैं। वैसे भी यह फैसला सभी को संतुष्ट करने वाला फैसला प्रतीत होता होता है। दूसरी तरफ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने कहा है कि अयोध्या विवाद का संतोषजनक हल देने में इलाहाबाद हाईकोर्ट असफल साबित हुआ है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में कहा कि यह फैसला स्थापित कानूनी मान्यताओं के परे जाकर राजनैतिक नज़र आता है। उन्होंने कहा कि असंतुष्ट पक्ष को सर्वोच्च न्यायालय में जाने का पूरा अधिकार है और देश को धैर्य और संयम के साथ अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने अयोध्या मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद की विशेष पीठ के फैसले का स्वागत किया है। शाही ने कहा-हाईकोर्ट का फैसला आनन्द का विषय है साथ ही इस निर्णय से अयोध्या में रामलला के भब्य मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। शाही ने आग्रह करते हुये कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे को हाईकोर्ट द्वारा खारिज किये जाने को जय पराजय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। शाही ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय ने वर्षो से चली आ रही मान्यता की पुष्टि की है कि अयोध्या में जहां पर रामलला विराजमान हैं वही पर उनका जन्मस्थान है। उन्होंने कहा कि आज का निर्णय अयोध्या में भब्य राम मन्दिर बनाने की दिशा में निर्णायक कदम होगा मैं इसका स्वागत करता
हूँ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा कि आज का दिन एतिहासिक है क्योंकि अयोध्या मामले में बहुप्रतिक्षित मुकदमें का हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में विवादित भूमि को लेकर विवाद होते रहे हैं तरह-तरह की बातें कहीं जाती रही हैं लेकिन आज के निर्णय में तीनों ही माननीय न्यायाधीशों ने यह माना कि विवादित स्थल ही रामजन्म स्थल है। मिश्र ने कहा कि न्यायालय ने ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर ही विवादित स्थल को रामजन्म स्थल माना। उन्होंने कहा कि हम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं एवं समाज के सभी धर्म-पंथ के लोगों से अपील करते हैं कि वे मन्दिर निर्माण के लिए आगे आएं।

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