जनादेश अब नए कलेवर और नए तेवर के साथ दूसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। राजनीति की विशेष खबरों के साथ पर्यटन, साहित्य, संस्कृति और मीडिया पर हमारा फोकस बना हुआ है। इन न्यूज वेबसाइट की सफलता का प्रमाण हमारी मौजूदा रैंकिंग है जिसने हमें देश की चुनिंदा हिन्दी न्यूज वेबसाइटों में शामिल कर दिया है। इसके साथ ही करीब दो दजर्न से ज्यादा देशों में जनादेश को देखा ज रहा है।
इस पोर्टल का शुभारंभ एक जनवरी, 2007 को चेन्नई में लोकनायक जयप्रकाश नारायण और मीडिया जगत के भीष्म पितामह रामनाथ गोयनका के सहयोगी स्वतंत्रता सेनानी शोभाकांत दास के हाथों हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जनादेश में पहला लेख लिखकर इसका शुभारंभ किया था। पिछले एक वर्ष में इस वेबसाइट में जिन लोगों की रिपोर्ट और लेख छपे हैं, उनमें प्रभाष जोशी, सुरेन्द्र किशोर, कुलदीप नैयर आलोक तोमर, सुशील कुमार सिंह, शंभु नाथ शुक्ल, अभय कुमार दुबे, अरूण शौरी, सुप्रिया राय, प्रभात रंजन दीन, राज कुमार सोनी, राज नारायण मिश्र, मयंक भार्गव, रीता तिवारी, संदीप पौराणिक, नंदनी मिश्र, संजीत त्रिपाठी और प्रोफेसर प्रमोद कुमार शामिल हैं। दूसरी तरफ कार्टूनिस्ट इरफान का योगदान भी कम महत्वपूर्ण नहीं रहा।
अब यह वेबसाइट डाइनमिक हो चुकी है। इसकी गुणवत्ता में लगातार सुधार का प्रयास जरी रहेगा। इस वर्ष हमारा लक्ष्य देश के अलग-अलग हिस्सों से राष्ट्रीय स्तर के पचास संवाददाताओं की टीम बनाना है। इसके लिए पहल हो चुकी है। छत्तीसगढ़ के बस्तर से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों की विशेष खबरें हमने दी हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और मिजोरम विधानसभा चुनाव की कवरेज भी जनादेश ने की। आप सभी ने जनादेश को जो सहयोग दिया है, उसे जारी रखकर हमारा हौसला बढ़ाएं।
सविता वर्मा
www.janadesh.in
2 comments:
janadesh ko do saal poore karane par aapko bahut bahut badhai. saflta ki raah par iski speed badti hi jaye yahee kamna hai.
janadesh ke safltapoorvak ek saal poora karane par aapko bahut bahut badhai. saflta ki raah par iski speed badti hi jaye yahee kamna hai.
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