Wednesday, February 20, 2008

कैसे बचेगा नेहरू का अखबार नेशनल हेराल्ड


नई दिल्ली, कांग्रेस के खजने में बहुत पैसा है मगर इतना नहीं कि जवाहर लाल नेहरू द्वारा स्थापित अखबार नेशनल हेराल्ड को बचा सके। यह अखबार आर्थिक अभाव में किसी भी दिन बंद घोषित किया ज सकता है और इसके चालीस पत्रकारों सहित कुल 270 कर्मचारियों को उनका हिसाब चुकाने के लिए भी फिलहाल पैसे का इंतजम किया ज रहा है।

यूपीए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ससुर फिरोज गांधी इस अखबार के संपादक और महा प्रबंधक रह चुके हैं। इसके अला कांग्रेस के कई बड़े नेता इसके न्यास में रहे हैं और आज भी हैं। ९ सितंबर, १९३८ को यानी दूसरे विशव युद्घ के भी पहले स्थापित इस अखबार के बंद होने के कारण अपार घाटा बताया ज रहा है। संयोग से अखबार को बंद करने में जो खर्चा होगा, उसे अदा करने के लिए कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा को काम सौंपा गया है।

यह सिर्फ संयोग ही है कि श्री ोरा खुद एक जमाने में जिला स्तरीय पत्रकार थे और नेशनल हेराल्ड के हिंदी संस्करण नजीन का सांददाता बनने के लिए उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी। असली ङागड़ा अब शुरू होगा क्योंकि दिल्ली और लखनऊ दोनों जगह अखबार की बहुत महंगी संपत्तियां हैं, जिनमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस ही लगभग सौ करोड़ रुपए कीमत का है और इसका ज्यादातर हिस्सा किराए पर चढ़ा हुआ है। इस किराए से भी अखबार नहीं चल पा रहा। नेशनल हेराल्ड ने १९८८ में अपना स्र्ण जयंती उत्सव मनाया था और उस समय बोर्ड के अध्यक्ष और अब कर्नाटक के राज्यपाल रामेश्र ठाकुर ने नेशनल हेराल्ड को आने ाली पीढ़ियों की रिासत करार दिया था और कहा था कि जब तक कांग्रेस पार्टी रहेगी, तब तक यह अखबार चलता रहेगा।

नेशनल हेराल्ड समूह के कर्मचारी प्रबंधकों के इस फैसले से आहत तो हैं ही, उनका कहना यह भी है कि इमारत के किराए और छपाई की जो आधुनिक मशीनें लगी हैं, उनका व्यासायिक इस्तेमाल करके अखबार को आसानी से चलाया ज सकता था। संयोग यह है कि नेहरू ने अंग्रेजों के समित् वाले पायनियर के जब में इस अखबार का प्रकाशन आरंभ किया था और बाद में पायनियर को ही लखनऊ में नेशनल हेराल्ड की ज्यादातर संपत्तियां बेच दी गईं। पायनियर इन दिनों भूतपरू वामपंथी पत्रकार और अब भाजपा के सांसद चंदन मित्रा के नेतृत् में एक तरह से भाजपा का मुखपत्र बना हुआ है। दो साल पहले इसकी वेबसाइट शुरू की गई थी लेकिन पैसे के अभा में इसे भी बंद करना पड़ा।

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