Monday, October 31, 2011

गागा को तालियां,किसानो को गालियां



अंबरीश कुमार
लखनऊ । पिछले चौबीस घंटे में गोरखपुर में जापानी बुखार से तीन बच्चों की मौत के साथ ही इस वर्ष गोरखपुर में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या पांच सौ तक पहुँच गई । पूर्वांचल में जापानी बुखार और जल जनित बीमारियों से हर साल की तरह इस बार भी मौत का सिलसिला जारी है । इसकी मुख्य वजह केंद्र और राज्य सरकार की बेरुखी और स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर पर्याप्त पैसा न दिया जाना है । दूसरी तरफ ग्रेटर नोयडा में फार्मूला -१ रेस के लिए अरबो रुपए फूंक दिए गए और दलितों की सबसे बड़ी नेता और देश के सबसे बड़े सूबे की मुख्यमंत्री मायावती भी इसमे शामिल हुई । बाद में लेडी गागा का कार्यक्रम हुआ । शैम्पेन ,शराब और शबाब का दौर चला और लोग भूल गए कि यह वाही राज्य है जहाँ कुछ घंटे पहले ही करछना में किसानो पर लाठी गोली चली और गालियों से नवाजा गया । यह वही राज्य है जिसके एक छोर पर बच्चों की मौत का सिलसिला इसलिए नहीं थम पा रहा है क्योकि उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इस विरोधाभास पर कहा -यह चिंतनहीन राजनीति की अय्यासी का अय्यासी का दौर है जो मध्यकाल के सुल्तानों को भी मात कर रहा है । समाजवादी पार्टी ने इसे दलितों के नाम पर क्रूर मजाक बताया और एलान किया कि सत्ता में आने पर इसकी जाँच करई जाएगी।
दरअसल इस खेल में जिस तरह सत्तारूढ़ दल ने दिलचस्पी दिखाई है उससे राजनैतिक हलकों में हैरानी जताई जा रही है । भाकपा नेता अशोक मिश्र ने कहा -यह वोट की राजनीति और भ्रष्टाचार की काली कमाई का नतीजा है । इस सरकार को समाज का यथार्थ नहीं दिखता,गरीबी और भुखमरी नहीं दिखती । यह बात कभी हदतक सही भी नजर नजर आती है । पूर्वांचल में जिस तरह स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बच्चे मर रहे है उसे देखते हुए ग्रेटर नोयडा का कार्यक्रम किसी के गले के नीचे नहीं उतरपा रहा है । इस आभिजात्य वर्गीय खेल को लेकर प्रदेश का जेपी समूह भी फिर विपक्ष के निशाने पर आ गया है। विपक्ष का आरोप है कि एक तरफ यह समूह किसान की जमीन छीनकर सरकार के जरिए निहत्थे किसानो पर लाठी गोली चलवाता है तो दूसरी तरफ गरीबों का मजाक उड़ाते हुए पैसे का भौंडा प्रदर्शन इस तरह के खेल के नाम पर करता है ।फार्मूलावन रेस की तैयारी के साथ शनिवार को करछना (इलाहाबाद) में प्रस्तावित पावर प्लांट के लिए जमीन लिए जाने का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठियां चलाई और फायरिंग भी की। महिलाओं और बच्चों पर भी जुल्म ढाये गए। क्षेत्र के आठ गांव इस योजना से प्रभावित होने जा रहे है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा - कल फार्मूला-1 सत्र की 17वीं और भारत की पहली रेस सिनेसितारों और पाप सिंगर लेडी गागा की उपस्थिति में सम्पन्न हुई और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती भी रेस की दर्शकों में रहीं। उनके द्वारा पुरस्कार भी बांटे गए। इस रेस के आयोजन पर 20 अरब रूपए से ज्यादा खर्च हुए हैं। रेस खत्म होने पर शराब और शबाब का खुलकर प्रदर्शन हुआ। भारत में, जहां 80 प्रतिशत आबादी आज भी 20 रूपए रोज पर गुजर-बसर करती है, दो जून पेट भरने लायक जिसकी कमाई नहीं, उस देश-प्रदेश मे राजसी खेल का आयोजन शमशान में शाही दावत के इंतजाम जैसा है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री की दौलतमंदों के खेल में दिलचस्पी दलितों के साथ क्रूर मजाक है। झुग्गी-झोपड़ी में बीमारी, तंगहाली और कर्ज के शिकार दलितों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेंमाल करनेवाली मुख्यमंत्री ने बड़े पूंजीघरानों से दोस्ती के लिए ही इस खेल में सक्रिय दिलचस्पी ली है। इसमें उनकी ओर से भी लम्बी रकम का पूंजीनिवेश किया गया है। उनके इस खेल प्रेम की बलि चढ़े है ग्रेटर नोएडा के वे किसान जिनकी 875 एकड़ जमीन जबरन छीनकर फार्मूला वन रेस की सर्किट तैयार की गई है। इन गांवों के बुजुर्ग हतप्रभ थे कि ये क्या हो रहा है, यह कोई खेल है या अमीरो की चोंचलेबाजी। उनसे जबरन छीनी जमीन पर विदेशी कारों का फर्राटा और साथ में नशे में झूमती युवतियां। jansatta

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